अंतरिक्ष मे बायोरिएक्टर (bioreactor in space)

अंतरिक्ष में बायोरिएक्टर
स्पेस स्टेशन प्रयोगशाला के शून्य गुरुत्वाकर्षण एन्वायरॉन्मेंट में हुऐ एक शोध के अनुसार 6 मई, 2019 को अंतरिक्ष यात्रियों ने लंबी उड़ानों पर कार्बन डाइऑक्साइड को सांस लेने योग्य ऑक्सीजन में परिवर्तित करने के लिए शैवाल द्वारा संचालित 'फोटोबायोरिएक्टर' का निर्माण किया है।फोटोबायोरिएक्टर का प्रयोग अंतरिक्ष अनुसंधान में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक बड़ा कदम है, जो
अंतरिक्ष यात्रियों के लिए पृथ्वी से बार-बार आने वाले मिशनों की आवश्यकता के बिना अंतरिक्ष में अधिक समय तक जीवित रहने के लिए उपयुक्त है। शैवाल
संचालित बायोरिएक्टर ऑक्सीजन की आपूर्ति और जलवायु नियंत्रण के लिए आवश्यक मशीनरी या बिजली की मात्रा को कम कर सकता है। बायोरिएक्टर
को शक्ति प्रदान करने वाला शैवाल क्लोरेला वल्गेरिस (Chlorella vulgaris) प्रजाति से है जिसका पृथ्वी पर बड़े पैमाने पर शोध किया गया है। यह टेक्नोलॉजी चन्द्रमा या मंगल ग्रह पर जीवन यापन को संभव बना सकती है। इस परीक्षण को अंतरिक्ष यान पर अंतरिक्ष
यात्रियों द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन और खाद्य बायोमास में फोटोसिन्थेसिस के माध्यम से परिवर्तित करने के लिए प्रयोग किया गया है।
आवश्यकता पड़ने पर भोजन के रूप में अंतरिक्ष यात्री शैवाल को खा भी सकते हैं जो कि 30 % उनके नियमित खान-पान की मात्रा से
अधिक प्रोटीन युक्त होता है। रिएक्टर, एडवांस्ड क्लोज़्ड-लूप सिस्टम (acls) के साथ मिलकर काम करता है। यह हाइब्रिड सिस्टम ज नाम से जाना जाता है जो कि एक भौतिक आधारित सीएलएस प्रणाली है। पहली बार यह इकाई वास्तविक अंतरिक्ष स्थितियों के तहत एक हाइब्रिड जीवन-समर्थन प्रणाली का प्रदर्शन करेगी।

 
            Chlorella vulgaris algee
 

 

 

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